इलाहाबाद में घूमने की जगहें- टैक्सी से सिटी टूर प्लान करें

संगम नगरी और कुम्भ नगरी के नाम से प्रसिद्ध इलाहबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक धार्मिक तीर्थ नगरी है। यह अपने वैभवशाली सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विश्व भर में जाना जाता है। भारतीय इतिहास में इस नगर का प्राचीनकाल से लेकर आधुनिक काल में एक पवित्र धार्मिक नगरी के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इतिहास के उतार-चढ़ाव के साथ-साथ इस शहर के नाम में भी परिवर्तन होता रहा है। इलाहबाद का प्राचीन नाम 'प्रयाग' था। ऐसा कहा जाता है जब भगवान ब्रह्मा ने ने सृष्टि की रचना करने के पश्चात्,  इस धरती के लोगो के कल्याण हेतु प्रथम बार यज्ञ किया था। यह यज्ञ इलाहबाद में ही संपन्न हुआ था, इसलिए इस शहर का नाम प्रयाग पड़ा। इलाहबाद की पावन धरती के अधिष्ठाता देखकर मुग़ल बादशाह अकबर ने इस शहर का नाम बदलकर 'इलाहबास' या "ईश्वर का निवास" कर दिया, जो बाद में बदलकर 'इलाहाबाद' हो गया। मध्यकाल के बाद आधुनिक युग में इस शहर का नाम परिवर्तित कर के प्रयागराज कर दिया गया। 

यहां की सभ्यता और संस्कृति इतनी शानदार है कि यहां के लोगों को बड़े सम्मान से संबोधित किया जाता है, 'अच्छा, आप इलाहाबाद से हैं' पर्यटन की दृष्टि से देखा जाये तो इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में ही नहीं अपितु पूरे देश एक धार्मिक पर्यटन स्थल रूप में विख्यात है। यदि आपको यहाँ की अतरंगी संस्कृति को देखना और मासूस करना है तो आप के लिए यहाँ आने का सबसे अच्छा समय 'कुम्भ मेला' का होगा। यहां पर  हर १२ वर्ष और ६ वर्ष के पश्चात कुम्भ मेला और अर्धकुंभ मेले का भव्य आयोजन किया जाता है। वैसे तो कुम्भ मेले का योजन इलाहाबाद के अलावा हरद्वार,नाशिक और उज्जैन में भी मनाया जाता है, किन्तु सबसे पवित्र और भव्य कुम्भ मेले का योजन इलाहाबाद में ही होता है। इस मेले में विश्व के विभिन्न कोनों से करोड़ों श्रद्धालु,साधु-संत गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। इस समय यहां की छटा देखने लायक होती है। पूरे घाटों को दियों, फूलो पेंटिंग, लाइटिंग, साउण्ड सिस्टम से सजाया जाता है। 

इलाहाबाद में घूमने के प्रमुख पर्यटन स्थल:

१- त्रिवेणी संगम:- 

इलाहाबाद का प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थल त्रिवेणी संगम है। गंगा और यमुना नदी के पावन तट बसा इलाहाबाद अपने त्रिवेणी संगम के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस पावन तट पर गंगा यमुना और सरस्वती तीनो नदियों का संगम होता है। इसलिए इलाहाबाद को संगमनगरी के नाम से भी जाना है। हिन्दू धर्म के लोगो के लिए त्रिवेणी संगम एक पवित्र तीर्थ स्थान है। प्रत्येक वर्ष हजारो लाखो की संख्या में भक्तगण यहाँ आस्था की डुबकी लगाने आते है। ऐसा कहा जाता है कि इस पावन संगम तट पर स्नान करने से आपके सारे पाप धूल जाते है। इस पावन तट पर प्रत्येक वर्ष जनवरी से लेकर फरवरी माह तक विश्व का सबसे बड़ा मेला 'माघ मेला' लगता है। यह मेला मकर संक्रांति के दिन से सुरु होकर महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होता है। मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि दिन यहाँ भक्तों कि ज्यादा भीड़ रहती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने से मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस मेले का दृश्य मकर संक्रांति दिन बहुत ही मनोरम दिखाई देता है। ऐसे तो वर्ष के बारहो महीने यहाँ सनान के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है किन्तु इस समय यहाँ भक्तगणों की भीड़ ज्यादा लगी रहती है। 

२- मनकामेश्वर मंदिर- 

यमुना नदी के तट पर स्थित मनकामेश्वर मंदिर हिन्दू धर्म के लोगो के लिए एक तीर्थ स्थान है। जैसा की नाम से ही प्रतीत हो रहा है 'मनकामेश्वर मंदिर' अर्थात मनोकामना पूर्ण करने वाला मंदिर। यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। सावन मास के हर सोमवार को यहाँ भक्तगणों की ज्यादा भीड़ लगी रहती है। सावन मास के अलावा यहां महाशिवरात्रि के दिन पैर रखने की जगह भी नहीं रहती है। पूजा-अर्चना के लिए आज के दिन भक्तगणों की लम्बी कतार लगी रहती है। अपने मन में अनेक कामना लिए भक्त यहां खिंचे चले आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां के दर्शन मात्र से  लोगो के कष्ट और दुःख दूर हो जाते है। मनकामेश्वर मंदिर के अलावा मंदिर के परिसर में ऋणमुक्तेश्वर और सिद्धेश्वर महादेव का शिवलिंग स्थापित है। इस पावन मंदिर के ईंट-ईंट में भक्तों कि आस्था बसी हुई है। जब आप इलाहाबाद आने का ट्रिप पालन बना रहे है तो इस मंदिर को जररु जोड़े। 

३- पातालपुरी मंदिर- 

पातालपुरी मंदिर इलाहाबाद के प्राचीन मंदिरो में से एक है। ज़मीन के अंदर बना यह मंदिर इलाहाबाद किले के अंदर अक्षयवट के बगल में है। ज़मीन के अंदर बने होने के कारण इसे पातालपुरी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां  स्थापित किय गई है। इस प्रकार आप पातालपुरी मंदिर के साथ-साथ अन्य दुर्लभ मूर्तियां के भी दीदार कर सकते है। ज़मीन के अंदर होने के कारण इस मंदिर में जाने का अनुभव आपके लिए एकदम नया होगा। प्रतिदिन यहाँ हजारो की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। अक्षयवट का मेन जड़ इसी मंदिर में मावजुद है। इसलिए इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है की भगवन राम इस मंदिर आये थे। 

४- लेटे हुए हनुमान मंदिर- 

इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई मुद्रा में है। यह विशेषता इसे अन्य मंदिरों से अलग और विशेष बनाती है। यह मंदिर इलाहाबाद के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। अन्य दिनों की तुलना में यहां मंगलवार को भक्तों की ज्यादा भीड़ लगी रहती है। जब कभी भी आपका इलाहाबाद जायें तो इस दुर्लभ मंदिर के दर्शन अवश्य करे। इस मंदिर को लेकर कई मान्यताये व कहानियाँ प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि त्रिवेणी संगम में स्नान करने का फल आपको तभी प्राप्त जब आप इस दुर्लभ मूर्ति के दर्शन के करेंगे। इलाहाबाद के अन्य मंदिरों की तरह यह मंदिर भी अति प्राचीन और दिव्या है। इस मंदिर का दीदार करने का अनुभव आपके लिए बेहद खास होगा। लेटे हुए मुद्रा में हनुमान जी का विभिन्न फूलों से श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार के बाद यह मूर्ति देखने में बहुत ही मनोहारी और दिव्या प्रतीत होती है।  

५- शिवकुटी मंदिर- 

इलाहबाद के तेलियरगंज में स्थित यह मंदिर शिव भक्तों के लिए अनोखी मंदिर है। इस मंदिर को 'शिव कचहरी' मंदिर भी कहा जाता है। गंगा के किनारे बसा यह मंदिर पूर्ण रूप से भगवन शिव को समर्पित है। इस मंदिर को खास बनाता यहां पर स्थापित अनेको शिवलिंग। इस मंदिर में लगभग ३६५ शिवलिंग है जो भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर को 'शिव कचहरी' इसलिए कहा जाता है क्योकि यहां पर भक्त अपने कान पकड़कर उठक-बैठक करके अपने गलतियों की माफ़ी मांगते है। 

६-  महर्षि भारद्वाज आश्रम- 

आनंद भवन के सामने स्थित महर्षि ऋषि भारद्वाज का आश्रम बहुत ही पवित्र और प्राचीन धार्मिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है की ऋषि भारद्वाज इलाहाबाद के प्रथम वासी थे। ऋक्तंत्र के अनुसार वे ब्रह्मा, बृहस्पति एवं इन्द्र के बाद वे चौथे व्याकरण-प्रवक्ता थे। उन्होंने व्याकरण का ज्ञान इन्द्र से प्राप्त किया था। मान्यता के अनुसार इस आश्रम में भगवन राम ,लक्ष्मण और सीता जी के साथ वनवास जाते समय ऋषि भारद्वाज का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आये थे। इसलिए इस स्थान का महत्वा और अधिक बढ़ जाता है। भारद्वाज के मूर्ति के अलावा यहाँ सैकड़ों मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों के दीदार मात्र से आपको दिव्या आनंद की अनुभूति होगी। 

 ७- इलाहाबाद किला- 

गंगा और यमुना के संगम पर स्थित इलाहाबाद का किला इलाहाबाद का गौरव है। इस किले का निर्माण 1575 में सम्राट अकबर ने इलाहाबाद की दिव्यता और सामरिक स्थिति को देखते हुए किया था। वास्तुकला और सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाये तो यह किला उस समय के दौर में बेहद खूबसूरत और मजबूत था। पर्यटकों के लिए 'इलाहाबाद किला' इलाहाबाद के मुख्या पर्यटन स्थलों में से एक है। या फिर ये कहिये कि पर्यटकों के लिए पहले स्थान पर त्रिवेणी संगम के बाद दूसरे स्थान पर इलाहाबाद किला है। इस किले में आपको  अशोक स्तंभ, सरस्वती कूप और जोधाबाई महल देखने को मिल जायेगा। किले का आधे से ज्यादा भाग भारतीय सेना प्रयोग करती है।

अशोक स्तम्भ- किले के मुख्या द्वार पर स्थित 10.6 मीटर की ऊँचाई का यह स्तम्भ पर्यटकों के लिए मुख्या आकर्षण का केंद्र है। यह स्तम्भ 'अशोक स्तम्भ' के नाम से पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। इस स्तम्भ पर तीन शासकों के लेख खुदे हुए हैं।

८- स्वराज भवन- 

स्वराज भवन का पुराना नाम 'आनंद भवन' था। यह इमारत भारत की एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह दो मंजिला इमारत वास्तुकला का एक अनूठा नमूना है। जिसे मोतीलाल नेहरू ने बनवाया था। यह भवन पहले नेहरू परिवार का निवास था। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्री मति इंद्र गांधी का जन्म इसी इमारत में हुआ था। बाद में जवाहरलाल नेहरू ने इसे भारतीय लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए देश को समर्पित किया। वर्तमान में, इस इमारत का उपयोग संग्रहालय के रूप में किया जाता है। इस संग्रहालय में नेहरू परिवार के सदस्यों की यादें रखी गई हैं। आप इन सभी चीजों को देख सकते हैं। इस इमारत में, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई सम्मेलन बुलाए गए थे। 

९- जवाहर प्लेनेटेरियम- 

आनंद भवन (स्वराज भवन) के परिसर में ही स्थित जवाहर प्लेनेटेरियम पर्यटकों के लिए जिज्ञासा और मनोरंजन वाला स्थान है। इस  प्लेनेटेरियम में आप खगोलीय और वैज्ञानिक जानकारी हासिल कर सकते है। किन्तु इसके अंदर जाने किये आपको टिकट के लिए भुक्तान करना होगा। इस भवन की सुन्दर रचना आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। यहाँ आप अपने पूरे परिवार और दोस्तों के साथ  इंजॉय करने के लिए आ सकते है। यह प्लेनेटेरियम सप्ताह के सातों दिन खला रहता है। यहां पर अलग-अलग समय पर शो आयोजित किया जाता है। 

१०- मिंटो पार्क-  

मिंटो पार्क यमुना नदी के किनारे स्थित एक बहुत ही सुंदर और एतिहासिक पार्क है जो इलाहाबाद की सुंदरता को बढ़ाता है। इसे मदन मोहन मालवीय पार्क के नाम से भी जाना है। एतिहासिक होने कारण इस पार्क से कई यादें जुडी हुई है। यही पर महारानी  विक्टोरिया के घोषणा पत्र को पढ़ा गया था। इसके अलावा इस पार्क को खास बनाता है यहां पर स्थित सफेद पत्थर का स्मारक, जिस पर शेरों की चार मूर्तियां लगाई गई हैं। इस पार्क के सौंदर्यता का श्रेय यहां के खूसूरत बगीचों और पेड़ो को जाता है।  यदि आप इसके खूबसूरती का दीदार करना चाहते है तो आपके लिए सबसे समय सुबह और शाम को होगा। यदि आप इलाहबाद घूमने अपने बच्चो के साथ आये है तो बच्चो के घूमने और मस्ती करने के लिए यह पार्क सबसे अच्छा विकल्प है। 

११- अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क- 

यह पार्क एतिहासिक होने के साथ-साथ इलाहाबद का सबसे बड़ा और खूबसूरत पार्क है। इसके विशालता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है की इस पार्क में इलाहाबद म्यूजियम, इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी, संगीत विश्वविद्याल, स्टेडियम, और प्रयाग संगीत समिति भी स्थित हैं। इस पार्क को कई नमो से जाना जाता है जैसे- अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क, कम्पनी बाग, और अल्फ्रेड पार्क। आजादी के पहले इस पार्क का नाम 'अल्फ्रेड पार्क' और आजादी के बाद अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद रखा गया। इसी पार्क में चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजो से संघर्ष करते हुए अपने प्राणो की आहुति दे दी थी। यही कारण है कि उनके याद  में इस पार्क का नाम चंद्रशेखर आजाद रखा गया। इस पार्क का मुख्या आकर्षण चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति और क्वीन विक्टोरिया मेमोरियल है। क्वीन विक्टोरिया मेमोरियल सफ़ेद संगेमरमर से बना एक खूबसूरत इमारत है। इस मेमोरियल के बिच में पहले रानी विटोरी कि विशाल मूर्ति स्थापित थी। किन्तु बाद में इस यहां से हटा दिया गया।

१२- खुसरो बाग़- 

इलाहाबद का तीसरा सबसे खूबसूरत और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खुसरो बाग़ है। लाल बलुहा पत्थर से बना यह मकबरा मुगलों कि दास्तां बयां करता है।इस बाग़ में खुसरो, उसकी बहन और उसकी राजपूत मां का मकबरा स्थित है। इन मकबरो को देखकर आप मुगलों शानो-शौकत का नन्दजा लगा सकते है। यह मकबरा दिखने में बेहद विशाल और खूसूरत ईमारत है। इन मकबरों में बेहतरीन नक्काशी कि गई है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण और जिज्ञासा का केंद्र है। इन मकबरों के चारो-ओर फूलों का सुंदर बग़ीचा और फव्वारा बनाये गए है। इस बाग़ में उम्दा नस्ल के अमरूदों का बगीचा भी है। 

13- ऑल सेंट्स कैथेड्रल चर्च- 

गोथिक वास्तुकला से बनी यह ऐतिहासिक इमारत आज भी इलाहाबाद के सिविल लाइंस स्थित सरोजिनी नायडू मार्ग में मजबूती से खड़ी है। गोथिक शैली 'रोमनस्क आर्किटेक्चर' से पैदा हुई है। इस कला का प्रभाव और विकास अधिकांश यूरोपीय देशों में रहा है। इस कला के तहत इमारतें ज्यामितीय डिजाइन, परिपत्र और त्रिकोणीय आवृत्तियों को सहन करती हैं। इस शैली का उपयोग विशेष रूप से ईसाई चर्चों के निर्माण में किया जाता है। यह चर्च संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बनी एक सुंदर संरचना है। इस चर्च को 'पत्थर चर्च' के नाम से भी जाना जाता है। क्रिसमस के दौरान, यह चर्च पर्यटकों और ईसाई लोगों से भरा होता है।

१४- यमुना पुल- 

आधुनिक तकनीकों से लैस यमुना पुल पर्यटकों और लोकल लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। २००४ में  विश्वस्तरीय तकनीक बनकर तैयार हुआ यह पुल भारत के लोगो के लिए किसी अजूबे से कम नहीं हैं। दिखने में यह पुल आपको यूरोपीय देशों के पुल की तरह लगेगा। इस पुल को 'नैनी पुल' और 'पं दीनदयाल उपाध्याय सेतु' के नाम से भी जाना जाता हैं। इस पुल की सबसे खास बात यह हैं की यह केबल प्रणाली से बना हुआ हैं। जो इसके खूबसूरती को और बड़ा देती हैं। सुबह और शाम के समय में यहां शैलानियों की भीड़ लगी रहती हैं। रात के समय में जब इस पुल पर लाइट जल जाती हैं तो इसका दृश्य बहुत ही मनोरम दिखाई देता हैं। इस पुल से आप इलाहाबद शहर के खूबसूरत नज़ारे देख सकते हैं। इस पुल से डूबते हुए सूरज की छठा बहुत ही अध्भुत दिखाई देते हैं। 

१५- खूबसूरत घाट: - 

इलाहबाद में इन सभी स्थानों के अलावा घुमनें और पूजा करने के लिए बहुत से खूबसूरत घाट हैं। यहां का सबसे खूबसूरत और प्रसिद्ध घाट सरस्वती घाट, अरैल घाट, बलुआ घाट, बरगद घाट और दशाश्वमेघ घाट आदि हैं। आप इन घाटों पर पूजा के अलावा नौका विहार भी कर सकते हैं। 

ये सारी जानकारियां तो हो गई घुमनें-फिरने और पूजा-पाठ करने वाले स्थानों की। अब बात करते हैं इलाहाबाद में ठहरने, खाने और शॉपिंग की। इलाहाबद में आपको रुकने के लिए अच्छे से अच्छे होटल सस्ते और मंहगे दोनों दरों पर मिल जायेंगे। खाने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट, ढाबे और स्ट्रीट फ़ूड की दुकानें मिलजाएंगी। शॉपिंग के लिए स्ट्रीट मार्केट में आपको सिविल लाइन्स, कटरा, चौक आदि मॉल मिल जायेंगे। और यदि आपको शॉपिंगमॉल्स  में शॉपिंग करना है तो इलाहाबाद में कई बड़े-बड़े शॉपिंगमॉल्स मिल जायगे। 

इन सभी स्थानों का भ्रमण एवं शॉपिंग करने के लिए आप भरत टैक्सी से कैब बुक कर सकते है। भारत टैक्सी से आप कैब बुक करके संपूर्ण इलाहाबाद का लोकल भ्रमण कर सकते हैं। भारत टैक्सी आपको बहुत ही किफ़ायती दर पर अच्छी टैक्सी सर्विस देता हैं।

Read Places to Visit in Allahabad- Plan a City Tour by a Taxi in English

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