बिहार का गौरव राजगीर में पर्यटन स्थल
भारत का प्राचीन शहर, पटना बिहार राज्य की राजनीतिक राजधानी है, जो राज्य का सबसे बड़ा शहर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह शहर सिखों के लिए बहुत पवित्र स्थान है। पटना में ही सिखों के 10 वें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। हर साल देश और विदेश से लाखों सिख श्रद्धालु और पर्यटक यहां श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते हैं।
यदि आप पटना से प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह की तलाश में हैं और साथ ही ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं, तो राजगीर आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। पटना से मात्र १०० किलो मीटर की दुरी पर स्थित राजगीर हिन्दू, जैन और बौद्ध तीनों धर्मों के धार्मिक स्थलों के विश्व विख्यात है। पटना से राजगीर की यात्रा एक धार्मिक यात्रा कहलाती है। ज्यादातर पर्यटक बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थानों के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से पटना से राजगीर आते है। यहां घूमने के लिए, आप पटना से राजगीर टैक्सी सेवा की मदद ले सकते है।
बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित राजगीर एक बहुत ही खूबसूरत और प्राचीन नगर है। इस नगर का उल्लेख ऋगवेद, अथर्ववेद, तैत्तिरीय उपनिषद, वायु पुराण, महाभारत, वाल्मीकि रामायण आदि में आता है। पांच पहाड़ियों से घिरा राजगीर देश का अंतरास्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। ऐसे तो राजगीर अपने धार्मिक स्थानों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। किन्तु इन दिनों और अधिक प्रसिद्ध हो गया है क्योंकि यहां देश का दूसरा ग्लास स्काई वॉक ब्रिज बनाया जा रहा है। ये लगभग बनकर तैयार भी हो गया है। यह ब्रिज 200 फीट ऊंचा, 85 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा है। इस ग्लास स्काई वॉक ब्रिज पर एक बार में ३६ से ४० पर्यटक जा सकते है।
सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाये तो यह ग्लास ब्रिज बहुत ही मजबूत है। इस ग्लास ब्रिज में लगाए गए शीशे की कुल मोटाई 45 एमएम है। जो बहुत ही मजबूत और पारदर्शी है। इस ब्रिज पर चहलकर्मी करने का का मजा ही कुछ और है। इस पुल पर चलने से आपको लगेगा कि आप आकाश में गोता लगा रहे हैं। इस ग्लास ब्रिज से आप राजगीर के मनोहारी पहाड़ियों का दीदार कर सकते है। इस ब्रिज के माध्यम से आप वैभार गिरी पर्वत के खूबसूरत तलहटी को निहार सकते है। प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस ब्रिज का निर्माण चीन के 'हांगझोऊ' प्रांत में बने ग्लास ब्रिज के तर्ज पर किया गया है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्लास ब्रिज अलावा यहां पर 500 एकड़ में नेचर सफारी और जू सफारी का निर्माण भी कराया जा रहा है। एडवेंचर स्पॉट के तहत यहां पर आप जिप लाईन, आर्चरी, तीरंदाजी, साईकलिंग, ट्रेकिंग पाथ, मड और ट्री कॉटेज, वुडेन हट, औषधीय पार्क का भी आनंद ले सकेंगे।
धार्मिक स्थलों के अलावा राजगीर में प्रत्येक तीन वर्ष के पश्चात् 'बृहद मलमास मेला' का आयोजन किया जाता है। मलमास का अर्थ होता है 'चंद्रगणना के अनुसार प्रायः तीसरे या चौथे वर्ष बारह की जगह तेरह महीने भी होते हैं। यही तेरहवाँ महीना मलमास कहलाता है। मलमास को अधिक मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह मेला पूरे एक महीने का होता है। ऐसा कहा जाता है की मलमास के दौरान सभी देवी-देवता धरती पर ही निवास करते है। इसलिए इस बृहद मलमास मेला का महत्व बहुत अधिक होता है। इस मेले में देश के कोने-कोने से साधु-संत और श्रद्धालु पूजा-पाठ करने के लिए आते है। इस मेले में आपको सभी प्रकार के दुकाने, झूले ,और मनोरंजन के साधन मिल जायेगे।
१-विश्व शांति स्तूप-
पंच पहाड़ियां रत्नागिरी, विपुलाचल, वैभारगिरि, सोनगिरि और उदयगिरि से घिरा हुआ राजगीर बौद्ध भिक्षुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थान है। इन पांच पहाड़ियों में से रत्नागिरी पर ही विश्व शांति स्तूप स्थित है। यदि आपको राजगीर की इन खूबसूरत पहाड़ियों को दीदार करना है तो आपके लिए सबसे अच्छा मौसम सर्दी का होगा। हालांकि सर्दी के मौसम में पहाड़ियां उदास रहती है। किन्तु बारिश के मौसम में फिसलन का ज्यादा डर रहता है इसलिए सर्दी का मौसम अच्छा रहेगा। इस स्तूप पर जाने के लिए आपके पास सीढ़ी और रोपवे दोनों का विकल्प रहेगा। रोपवे से जाने के लिए आपको लगभग ८० रूपए का भुक्तान करना होगा। ये वही स्थान जहां पर महात्मा बुध ने पूरे विश्व को शांति का उपदेश दिया था। यह स्थान पर्यटकों और बौद्ध भिक्षुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। प्रतिवर्ष यहां देश-विदेश हजारो की संख्या में बौद्ध भिक्षु श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए आते है। शांति स्तूप जाते समय ही आपको 'गृद्धकूट पर्वत' मिलेगा यह स्थान भी बौद्ध धर्म के लोगो के पवित्र स्थान है।
२- पाण्डु पोखर-
मनोरंजन और एडवेंचर से भरपूर्ण पाण्डु पोखर राजगीर के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक पार्क में सभी उम्र के लोग इंजॉय कर सकते है। इस पार्क में एक छोटा तालाब जिसमे महराज पाण्डु की एक विशाल मूर्ति है। आप इस तालाब में बोटिंग का भी मजा ले सकते है। पर्यटकों के लिए यह पार्क सबसे पसंदीदा स्थान है।
३- लाल मन्दिर-
कला प्रेमियों के लिए प्रसिद्ध लाल मन्दिर एक एक खूबसूरत मंदिर है। है तो यह एक जैन मंदिर किन्तु इस मंदिर का निर्माण राजस्थानी शैली में किया गया है। राजस्थानी शैली में निर्मित यह मंदिर वास्तुकला का एक अदभुत नमूना है। इस मन्दिर में भगवान महावीर स्वामी की श्वेत वर्ण पद्मासन में मूर्ति स्थित है। इस मंदिर में यात्रियों और श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए एक विशाल धर्मशाला का निर्माण भी किया गया है। मंदिर की दिवार लाल रंग की होने के कारन इस मंदिर को लाल मंदिर कहा जाता है।
४- दिगम्बर जैन मन्दिर-
धर्मशाला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर जैन धर्मावलंबियों के ठहरने के लिए एक उपयुक्त स्थान है। दिगम्बर जैन मन्दिर सिद्धक्षेत्र में स्थित होने के कारण जैन धर्मावलम्बियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है। इस मन्दिर में सभी सुविधायुक्त कमरे मौजूद है। इस खूबसूरत और पवित्र मन्दिर का निर्माण सेठ हजारीमल किशोरीलाल ने कराया था। पर्यटन की दृष्टि से देखा जाये तो एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने की वजह से यहां जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है। यदि आप सीढ़ियों से नहीं जाना चाहते है तो आप डोली की सहायता से जा सकते है। थोड़ा बहुत मैंने आपको जानकारी दे दी है किन्तु यहां जाकर इस मंदिर का अनुभव करना आपके लिए बेहद खाश और रोमांचक होगा।
५- स्वर्ण भंडार-
शहर का अति प्राचीन पर्यटन स्थल 'स्वर्ण भंडार' पर्यटकों के बिच आकर्षण का केंद्र है। अपने प्राकृतिक सौन्दर्यता को बिखेरते हुए यह गुफा उस काल के गौरवमयी इतिहास को बयां करता है। इस गुफा से कई कहानियां जुड़ी हुई है। कहा जाता है की यह गुफा जरासंध के सोने के खजाने का भंडार था। इस खजाने तक पहुंचने के लिए शंख लिपि में योजना लिखी गई। ऐसा कहा जाता की इस गुफा के कमरों में हीरे-जवाहरात साथ कीमती पत्थर है।
६- ब्रह्मकुंड-
बिहार की राजधानी पटना से मात्र 100 किमी की दूरी पर स्थित, राजगीर का यह ब्रह्मकुंड हिंदू धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है। यह गर्म जल वैभारगिरी पर्वत से होते हुए 22 कुंडो में एकत्रित होता है। इस कुंड के जल का तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस रहता है। यह ब्रह्मकुंड ऐतिहासिक एवं धार्मिक होने के कारण इससे कई कहानियां जुड़ी हुई है। ऐसा मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोग से सम्बंधित रोग समाप्त हो जाते है। मकर संक्रांति के औसर पर इस कुंड में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ जाती है।
७- लक्ष्मी नारायण मंदिर-
बौद्ध और जैन धर्म के अलावा राजगीर हिन्दू धर्म के लोगो के लिए एक पवित्र स्थान है। यहां हिन्दू धर्म के लोगों के कई प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। जिनमे से से एक है 'लक्ष्मी नारायण मंदिर' यह मंदिर भगवान और उनकी पत्नी लक्ष्मी को समर्पित है।
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