श्री कोटिलिंगेश्वर मंदिर- अतुल्य भारत की पहचान

Kotilingeshwara Temple

प्रिय पर्यटकों, आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको भारत का एक अनूठा मंदिर दिखाऊंगा, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया में एक अनूठा मंदिर है। यह मंदिर अपनी विविधता के कारण अतुल्य भारत की पहचान बन गया है। इसे हम अतुल्य भारत की पहचान इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस मंदिर का ऐसा रूप भारत के अलावा और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। श्री कोटिलिंगेश्वर मंदिर इसे देश के अन्य मंदिरों से अलग बनाता है क्योंकि यहां हजारों या लाखों की संख्या में नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या में शिवलिंग है। जो इस मंदिर को अद्वितीय और आकर्षक बनाता है। सुनकर आप हैरान हो गए होंगे, लेकिन ये हकीकत है।

यह मंदिर अपने नाम को भली-भाति प्रदर्शित करता है कोटि का अर्थ प्रकार और करोड़ की संख्या दोनों ही होता है। इसलिए यहां पर करोड़ों की संख्या में विभिन्न प्रकार के व रंग-रूप में शिवलिंग है। 

यह आश्चयर्चकित करने वाला मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के कोलार जिले के एक छोटे से गांव कम्मासांद्र के प्रकृति के परिदृश्य में स्थित है। पर्यटकों और श्रद्धालओं के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता जब वह इस मंदिर में प्रवेश करते है। मंदिर के परिसर में प्रवेश करते ही आपको विशालकाय शिवलिंग और नंदी के दर्शन होंगे। इस मंदिर को और भी खास बनाता है यह विशालकाय शिवलिंग जो विश्व का सबसे ऊंचे  शिवलिंगों में से एक है। यह शिवलिंग इस मंदिर का मुख्या शिवलिंग है जिसकी की ऊंचाई 108 फीट है। 

जब भगवान शिव का शिवलिंग यहां इतने बड़े आकार में विराजमान है तो नंदी महाराज कैसे दूर रह सकते हैं, इसलिए मुख्य शिवलिंग के ठीक सामने नंदी महाराज की मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई 35 फीट और लंबाई 60 फीट है। आप इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से आप धन्य हो जाएंगे। अब शिवलिंगो की करोड़ों में संख्या और सबसे ऊंचा शिवलिंग को देखकर आप खुद सोच सकते हैं कि यहां का नजारा कितना अद्धभुत होगा। 


सामान्यता लोग बोलते है मंदिर के कण-कण में भगवान बसते है किन्तु आप उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देख नहीं सकते है। किन्तु आप इस मंदिर के काण-काण में भगवान शिव को शिवलिंग के रूप में आप प्रत्यक्ष रूप से देख सकते है। पावन, सुन्दर और प्राकृतिक वातावरण के बिच में बने इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा ११ मंदिर और भी है। जिनमे ब्रह्मा, विष्णु, राम, सीता, लक्षमण,अन्नपूर्णा देवी, गणपति आदि, देवी देवता विराजमान है। 

यह मंदिर पूर्णरूप से भगवान शिव जी को समर्पित है। यहां आकर शिवभक्त शिव के भक्ति में तल्लीन हो जाते है। यहां सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ महाशिवरात्रि और सावन के महीने में रहती है। इस समय यहां पैर रखने का भी जगह नहीं रहता है। इस समय यहां हजारो और लाखों की संख्या में श्रद्धालुं श्रद्धा-सुमन अर्पित करने आते है। इस मंदिर की महिमा को सुनकर देश से ही नहीं अपितु विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुं यहां आते है। 

इस मंदिर में शिवलिंगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है, इसका कारण यह है कि यहां जिस किसी भी भक्त की मनोकामना पूरी होती है, वहां भक्त अपनी इच्छानुसार शिवलिंग की स्थापना करते हैं। शिवलिंग को स्थापित करने के लिए आपको मंदिर के मुख्य कार्यालय से संपर्क करना होगा।


श्री कोटिलिंगेश्वर मंदिर के निर्माण के पीछे के लोक कथाएं भी प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है की जब देवताओं के राजा इंद्र को किसी ज्ञानी ने श्राप दे दिया था तो इस श्राप के निवारण के लिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया था। इस मंदिर की धार्मिक मान्यता अधिक होने के कारण इसे श्री कोटिलिंगेश्वर मंदिर धाम के नाम से जाना जाता है। 

शिव जी के इस दुर्लभ स्वरूप को देखने के लिए आप अपने जीवन काल में एक बार जरूर यहां आये। यहां आने के लिए आप भारत टैक्सी से कैब बुक कर सकते है। यहां जाने के लिए आप बैंगलोर से कोलार शहर के लिए भारत टैक्सी से कैब कर के इस ऐतिहासिक अनोखे मंदिर के दर्शन कर सकते है। बैंगलोर से कोलार मात्र ६५ किलो मीटर की दुरी पर स्थित है। आप बैंगलोर से कोलार (कोटिलिंगेश्वर मंदिर) का १ दिन का ट्रिप आराम से बना सकते है।

भारत टैक्सी की सहायता से आप आराम से पुरे दिन की यात्रा कर सकते हैं।  बस आपको एक टैक्सी बुक करने की जरूरत है और आपके लिए ये यात्रा बहुत आसान होगी।  

भारत टैक्सी की तरफ से कुछ श्रोत जो आपको टैक्सी बुक करने में हेल्प करेंगे: - Taxi Service in India   *   Outstation Cab Service   *   Car Rental with Driver   *   Bangalore to Kolar Taxi

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